
मेरे अनुभव के अनुसार गलती बेटे की है सास ने बहू को बेटी के रूप में अपना लिया मुझे आज भी अपने घर का अनुभव याद है जाहा सास ने बहू को बेटी मान लिया परन्तु बहू ने सास को ना तो सास माना ना ही माँ....... किसकी गल्ती ........ ? बेटे की या बहू की
मेरे अनुभव के अनुसार गलती बेटे की है जिसके जीवन में माता- पिता का कोई महत्व नहीं होता जब वो बड़ा हो जाता है |
नुकसान किसका सिर्फ बच्चों का जो अकेले रह जाते है वो सभी के प्यार से वंचित रह जाते हैं | माता पिता भी बुड़ापे में अकेले रह जाते हैं | मैं अंत मे यही विनती करूंगी की आप मुझे बताए की हमे क्या करना चाहिए ?