जबरदस्ती से कोई भी नहीं पढ़ सकता और नहीं सफल हो सकता हैं | हम केवल उन्ही कार्यो में सफल हो सकते हैं जिन कार्यो में हमे रूचि होती हैं |
शिक्षा और अध्यापक
आज हम बात करेंगे शिक्षा और अध्यापक के बारे में ,आज शिक्षा पद्धति में बहुत बदलाव आ चुका हैं परन्तु अध्यापक की सोच में बदलाव नहीं आया है | आज भी शिक्षक सिर्फ और सिर्फ पढ़ाते हैं ,क्योंकि पढ़ाना उनका काम हैं अध्यापको से मेरी विनती है की पढ़ाने के साथ -साथ अगर वह उन बच्चों की ओर भी ध्यान दे जिनकी रूचि किसी और कार्य में हैं जैसे खेलकूद, चित्रकला ,नृत्य अदि | उन बच्चो का मार्ग दर्शन करे क्योंकि सभी को पढ़ाई में ही रूचि हो यह संभव नहीं हैं और उनके माता -पिता को इस चीज़ से अवगत कराए अगर पढ़ाई में रूचि नहीं ले रहा तो इस में कोई फ़िक्र करने वाली बात नहीं है | उनके बच्चे को किस चीज़ में रूचि है उन्हें बताए और उनको आगे का रास्ता भी बताए साथ ही साथ उन्हें यह भी बताए की इस रस्ते पर चल कर भी बच्चे का भविष्य उज्जवल हो सकता हैं | उन माता पिता के लिए जो बच्चो को लेकर बहुत परेशान रहते हैं जिनके बच्चो को पढ़ाई में कम रूचि हैं उनकी उलझन दूर हो जाएगी और बच्चो का बचपन तानो से बच जाएगा | कम नंबर लेने वाले बच्चो का आत्मविश्वाश बढ़ जाएगा | बच्चो का जीवन बरबाद होने से बच जाएगा क्योंकि जबरदस्ती से कोई भी नहीं पढ़ सकता और नहीं सफल हो सकता हैं | हम केवल उन्ही कार्यो में सफल हो सकते हैं जिन कार्यो में हमे रूचि होती हैं |
अच्छे भविष्य के लिए क्या करना चाहिए
मेरी सभी अध्यापको से विनती हैं की इस बात पर जरूर सोचे क्योंकि आप के हाथ में देश का भविष्य हैं | समाज के रूढ़ीवादी सोच को ख़त्म करने में आपका योगदान रहेगा | क्योंकि कई माता पिता को पता ही नहीं होता की उन्हें अपने बच्चो के अच्छे भविष्य के लिए क्या करना चाहिए | वे समाज के दवाव में आ कर सही फैसला नहीं कर पाते | अध्यापको के इस पहल से शायद समाज में उन लोगो को बहुत बड़ी सहायता मिले जो इस समस्या से परेशान है |
मेरी आप सब
से प्रार्थना हैं
की इस पोस्ट
को अधिक से अधिक लोगो
तक पहुँचाए और
मुझे कमेंट करके
जरूर बताए की आपको ये
पोस्ट कैसी लगी
|